प्रश्न (४)
प्रश्न (४) : जीवन में सुख - शांति के लिए और दुःख से छुटकारा पाने के लिए गुरु का होना आवश्यक है ?
प.पू. महर्षि पुनिताचारीजी महाराज:
हाँ, गुरु का होना आवश्यक है। गुरु ब्रह्म की परंपरा है और उस परंपरा का उल्लंघन करके अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती है। परन्तु जिज्ञासु साधक को जिज्ञासापूर्वक प्रभु का स्मरण करते हुए नम्रता और विवेक के साथ समर्थ गुरु की प्राप्ति की प्रतीक्षा करनी चाहिए। सद्गुरु की प्राप्ति के बाद साधक की प्रगति गतिशील होती है। जन्मजन्मांतर से संचित हुए साधकों के पीछे के दुःख और सुख धीरे-धीरे पूरे होते हैं, और इस तरह दुःख और सुख दोनों की पूर्णाहुति के पश्चात् संपूर्ण शांति की अनुभूति होती है।
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Mukti
MahaMantra Drashta P.P. Maharshi Punitachariji Maharaj
Hari Om Tatsat Jai Guru Datta
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