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इंग्लेंड के समाचार पत्र कहते है कि....

गुरु मंत्र परमेश्वर का सानिध्य दिलाता है ।

भारत के प्रख्यात गुरु ने महानगर में सहज ध्यान योग द्वारा हज्जारो लोगो को अनुभूति कराई है ।

पूज्य बापूश्री के नाम से पहचाने जाने वाले, दैवी व्यक्तित्व वाले महर्षि पुनिताचारीजी महाराज के दर्शन के लिए, हज्जारो अनुयायी पश्चिम क्रोयडोन के केम्पबेल रॉड पे, ओसवाल सेन्टर में शनिवार की रात को बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे ।

पूज्यश्री ने गिरनार की कंदराओं में हर रोज अठारह घंटे की प्रखर साधना की, उसके फल स्वरूप, दि. १५-११-१९७५ को उनको त्रिमूर्ति भगवान दत्तात्रेय का साक्षात्कार हुआ ।

पूज्यश्री के मतानुसार, भगवान दत्त प्रदत इस शक्तिशाली महामंत्र "हरि ॐ तत्सत् जय गुरुदत्त" से समग्र मानवजात का कल्याण होगा ।

समस्त मानव कल्याण में सक्षम इस महामंत्र को पाने के लिए उन्होंने अपना समग्र जीवन समर्पित कर दिया। क्रोयडोन में उनके आगमन के बिच सोमवार को दोपहर के बाद, (इंग्लेंड के ) धी एडवर्टाइज़र्स के संवाददाता के साथ खास समय निकालकर अपनी सत् प्रवृति की बात करते हुए कहा कि-

पूज्य श्री ने कहा कि - "भारत मे आए हुए हिमालय पर्वत की गोदमें एकांत में बहोत साल बीत गए ।

"भगवान दत्त ने प्रगट हो के वरदान मांगने को कहा तब मैंने बस इतनी ही बीनती की - मेरे से कम साधना करने वालो को आपकी कृपा जल्दी प्राप्त हो ।"

"परिणाम स्वरूप विश्व कल्याण के लिए यह मंत्र प्राप्त हुआ है । इसमें किसी भी जात का भेदभाव नहीं है । यह मंत्र सिर्फ हिन्दू के लिये नही है, बल्की समस्त मानवजात के लिए है।

"मेरा अनुभव है कि - किसी भी धर्म के उपासक हो, फिर भले ही उनके इष्टदेव अल्लाह, ईशु ख्रिश्त या बुद्ध हो, उनका ध्यानमें अवश्य कल्याण होता है। "

"में लोगो से केवल हिंदुत्व की बाते करने नही आया, बल्कि शांति संदेश के प्रचार के लिए आया हूँ ।"

"में कभी पैसे की मांग नही करता लेकिन लोग यह मंत्र करे और परिणाम देखे यह जरूर माँगता हूँ ।"

पूज्य बापूश्री का मंत्र "हरि ॐ तत्सत् जय गुरुदत्त", वे उनके अनुयायी (महामंत्र उपासक) को वचन देते है कि - दिन मे मात्र 10 मिनिट इस मंत्र की धुन करके, १५ से २० मिनट सहज ध्यान में बैठने से सफल जीवन का मार्ग मिलेगा, शाश्वत शांति और परम सुख प्राप्त होगा ।

पूज्यश्री ने जोर देते हुए कहा कि -"मेरा मात्र इतना कहना है कि - लोग इस मंत्र का जप करें, और अनुभव करे कि क्या होता है ।"

ओसवाल में हर गुरुवार रात को केंद्र चलाने वाले श्री चंद्रकांत शुक्ल ने, गुरुदेव के आगमन का आयोजन किया था ।

क्रोयडॉन में पूज्यश्री के सत्संग का लाभ लेने, ऐटलैंटिक की दूसरी ओर के क्षेत्र से आए हुए अनुयायीओ ने फिर से शनिवार की रात से तीन दिन के लिए साधना केंद्र में शुरू होने वाली शिबीर में भाग लिया ।

शनिवार की रात को पूज्यश्री के सानिध्यका लाभ लेने पधारे हुए नये-पुराने 400 साधको के समक्ष पूज्यश्री ने शिबिर में कहा कि - "लोग संपूर्ण शरणागत हो के इस मंत्र की साधना करेंगे तो जैसे मुझे गिरनार में भगवान दत्तात्रेय के दर्शन हुए वैसे आपको भी प्रभु कृपा प्राप्त होगी ।"

(अक्षरश: भाषान्तर के बदले भावार्थ बताया गया है।)



~प.पू. महर्षि पुनिताचारीजी महाराज,
'धी एडवर्टाइज़र्स, शुक्रवार, 4 ऑक्टोम्बर , 2002
गिरनार साधना आश्रम, जूनागढ़

॥ हरि ॐ तत्सत् जय गुरुदत्त ॥
(प.पू. पुनिताचारीजी महाराज की ४५ साल की कठोर तपस्या के फल स्वरुप उन्हें भगवान दत्तात्रेय से साधको के आध्यात्मिक उथ्थान और मानसिक शांति के लिए प्राप्त महामंत्र )



दिन मे मात्र 10 मिनिट इस मंत्र की धुन करके, १५ से २० मिनट सहज ध्यान में बैठने से सफल जीवन का मार्ग मिलेगा, शाश्वत शांति और परम सुख प्राप्त होगा । मेरा मात्र इतना कहना है कि - लोग इस मंत्र का जप करें, और अनुभव करे कि क्या होता है । लोग संपूर्ण शरणागत हो के इस मंत्र की साधना करेंगे तो जैसे मुझे गिरनार में भगवान दत्तात्रेय के दर्शन हुए वैसे आपको भी प्रभु कृपा प्राप्त होगी ।

~(प.पू. महर्षि पुनिताचारीजी महाराज)



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